हसरतें



       मुश्किलों का दौर है ज़रा अदब मे हसरतें कर लो

जो हासिल है वो अपना है,जो न मिले तो सब्र कर लो।

  

 मत माँगो तुम इश्क़ की खैरात किसी से, 

मन की चाहत को  सागर से सरिता कर लो।


खुद को खुद से मिलाकर जीना सीखो, किसी 

के प्यार मे न खुद को तुम गिरफ्त कर लो। 


गर्दिशों के दौर मे कश्तियांअक्सर डूब जाया करती है

जीत कर इन बेगानी लहरों से होंसले बुलंद कर लो। 


रंजिशों को ना मन में पनाह देना, दिल मे रब बस्ता है

तराश लो खुद को इतना,  हीरे सी चमक कर लो। 


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