बहुत दिनों बाद आज दिन खुशी का आया है
पाँव भारी है छोटी बहु का, जबसे ये बताया है...!!
मन के सागर मे लहरें जैसे खूब हिलोरें मार रही
जैसे सूने से आँगन मे नटखट किलकारी गूँज रही
मन बहुत हरषाया है....!!
वक़्त बीता,घबराने लगे,सवालों मे खुद को उलझाने लगे
क्या बीज बोया है आँगन मे कौन से फल आयेंगे ?
इन सब बातों का अब यहाँ कैसे पता लगाएंगे ?
जब बन्द कोठरी का पता लगाया है....!!
नींद उड़ गई रातों की जब भ्रूण परीक्षण करवा बैठे
सच मानो तो ऐसा था, जीवन मे सबकुछ गवां बैठे
जुड़वा सा अंकुर फूटा है पहली बार फुलवारी मे
मन बड़ा घबराया है.....!!
एक घना पेड़ नीम का,और कहीं नन्ही पौध"कनेर" की
किसे लगाऊं,किसे हटाऊँ,ये बात है अब तो मतभेद की
"कनेर"कहीं भी उग जायेगी जब साथ नीम का पायेगी
ये जीवन तुम संग पाया है......!!
एक ही मिट्टी मे पनप रहे, जड़े भी मिल जायेगी
बरसेगा जब अंबर से नीर तो "कनेर"भी भीग जायेगी
दिल से दे गई दुआ वो कली,जो नीम की आस मे पल गई
माँ तुझसे ही ये अंश पाया है.....!!
जी गई बेटे की खातिर, मिला जीवन का दान उसे
दुआओं देकर पल रही, अब अपना अधिकार लिए
अस्तित्व खत्म सा लगा,जब माँ ने भ्रूण परीक्षण करवाया है
नीम की डाली ने "कनेर"को गले लगाया है
सचमुच ख़ुशी का दिन आया है......!!
So sweet
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंBht khoob
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