“नीयत”

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हर वक़्त शिकायत रही उनसे की, 

तुम वक़्त मुझे देते नही ...... 

अरसो बाद ये ख़्याल आया की, 

शिकायत रही है हमें उनसे वक़्त की,

और हम उनकी "नीयत"समझ न पाते है......!! 


"नीयत " भी क्या चीज़ है साहेब 

कभी भी बदल जाती है.... 

तौबा कर लेते है पीने वाले भी, 

पर मयखानों को देख कर ना जाने 

क्यों  फ़िसल जाते है........!! 


महफ़िल मे सबको शराबी नही समझना, 

मंदिरों मे सब पुजारी नही होते, 

"नीयत " से होता है यहाँ सब कुछ

और बातें सज़दों की कर जाते है....!! 


इस फरेबी दुनियाँ मे, लोग बादलों के रंग

जैसे पल पल बदल जाते है...... 

करीब आकर छल लेते है दिल को, और

दिल का वास्ता देकर, "नीयत" से अपनाते है...!! 


दिल से दी दुयाऐं, दिल से किये शुभ कर्म

ही हमारा साथ निभा जायेंगे, "नीयत" से 

अर्पण की हुई जल की एक बूँद पर, साहेब

छप्पन भोग भी भारी पड़ जाते है. ....!! 


कुछ उसूल जीवन के भी साथ लेकर चलने है

इश्क़, सज़दा और इबादत मुझसे नेक कर्म करवाते है

अच्छे कर्म भी यारों नेक "नीयत" से कमाए जाते है....!! 

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