बहुत दर्द है मेरे सीने मे,हरपल उसे दबा ही लेता हूँ।
तेरे झूठे से वो वादे, और वो तेरा झूठा अपनापन
आँख की कोरों मे, मैं अपने आँसू छुपा ही लेता हूँ।
कैसे कहूँ?,न तु दूर है मुझसे, न ही तु पास है मेरे
तस्वीर तेरी मैं अपने सीने से हरदम लगा ही लेता हूँ।
इबादत भी बहुत की तेरी और सजदा भी तेरा है
तु हासिल नही मुझको, खुद को ये बता भी देता हूँ।
तु प्यार है मेरा पर मुकाबिल नही मुझको फिर भी
दिल जान ओ ज़िगर तुझ पर लूटा ही देता हूँ।
बड़ी पथरीली है साथी ये राह - ए - मोहब्बत
इन सुनी राहों पर मोहब्बत के फूल बिछा ही देता हूँ।
मेरे सूने से आँगन मे स्याह आँधियारा बहुत है
तू मिल जा मुझे, नही तो दीपक बुझा ही देता हूँ।
Sunder abhivyakti
जवाब देंहटाएंVry nc & touching story
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