तेरी यादों से दिन मेरा गुज़र जाता है
आईना देखूँ तो, तेरा चेहरा नज़र आता है।
तुझे ही ढूँढती रहती है ये आँखे मेरी
तु ही सीने मे दिल बन कर धड़क जाता है।
चाँद खूबसूरत सा लगता है मेरे आँगन से
वो चाँद तेरी छत से भी हसीन नज़र आता है।
मचल ही जाते है आगोश मे तेरे आने को
एक तु है जो देख कर भी पलट जाता है।
पुराने खँडर से गुज़रती है बारात कोई
एक टुकड़ा जो बादल का बरस जाता है।
तमाम उम्र यूँ ही बीतें तेरी ही बाहों मे
दिल मेरा यूँही तेरे साथ जिये जाता है।
चुप ही रहकर तु समझ मेरी इन बातों को
बेवजह क्यों तु शब्दों मे उलझ जाता है।
हमारा दिल भी आपका गीत पढ़ने के लिए मचल जाता है !
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