मुमकिन

 

Sparsh poetry, sarita prajapati poems, love quotes, sparsh poems in hindi


तेरे शब्द मुझसे जुड़ जाए

खूबसूरत सा अर्थ बन जाए

अनकही बातों का भी प्यारा 

सा जाल बुन जाए..... 

ये मुमकिन हो जाए.......!! 


तेरे रंगों मे मन मेरा भी रंग जाए

कली सी खिल जाऊँ,जब तू नजर आये

प्रीत के रंग मे रंग लो मुझको

मेरी होली हो जाए, तु है तो

ये मुमकिन हो जाए......!! 


झूले सा झूले मेरा मन,हिलोरें सी 

यूहीं उठती है तु मुझे मिल जाए 

ये हसरत सी उठती है बस 

सावन बरस जाए, तू है तो 

ये मुमकिन हो जाए....... !!  


चाँदनी सी रात हो, तेरे हाथो मे मेरा हाथ हो, 

खूबसूरत सी कोई बात हो तेरा नया 

अंदाज़ हो, तू है तो

ये मुमकिन हो जाए......!!


*सरिता प्रजापति*



CONVERSATION

1 Comments:

COMMENTS