रंग- बिरंगे पंखों वाली मैं "तितली"
अल्हड़ मन सी और चंचल मतवाली
झूम झूम कर बगियाँ मे उड़ने वाली
मैं तितली, मैं तितली।
छोटा सा ये जीवन हैं मेरा
और छोटी सी अभिलाषा हैं
जब जब मुझको देखे कोई
मन ही मन खूब हर्षाता हैं
अधरों पर मुस्कान देने वाली
मैं तितली ,मैं तितली।
कष्ट भरा जन्म है मेरा
पर चंचल मस्त जिंदगानी हैं
थोड़ा सा दुःख सह कर मैनें
सूंदर रूप को पाया हैं
सबके मन को हरने वाली
मैं तितली ,मैं तितली।
मस्त गगन मैं उड़ती हूं
बागों मे मन भर मंडराती हूं
नन्हें से जीवन मे अपने
बहुत कुछ पा जाती हूं सदा
मुरकुरते रहना अब मैं जाती हूं
मैं तितली , मैं तितली।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें
COMMENTS