सखी

 


चेहरे की रंगत तुम,अधरों की तुम मुस्कान                            सखी

बचपन की हमजोली तुम, बसती तुम मे जान सखी...!! 


मेरे कमज़ोर पंखो की ऊँची सी तुम हो उड़ान सखी

भीड़ मे खो जाऊँ, तो बनती हो मेरी पहचान सखी...!! 


बिना कहे, मुझको जाने, तुम हो मेरा अरमान सखी

हथेलियों मे रची मेहंदी की तुम ही हो रंगरेज़ सखी...!! 


तुझ संग बीते प्यारा जीवन, तुम हो मेरे प्राण सखी

खुशियाँ भरती हो जीवन मे, बनती हो एहसास सखी...!! 


सब रिश्तें  जीवन से है, पर तुम हो मेरा व्यवहार सखी

स्वार्थ को रखे परे हम,विश्वास ही जीवन आधार सखी..!! 


तुझ संग जुड़ा ये रिश्ता मेरा, गाता कोई राग सखी

सावन के झूलें मे झूले, मेरी प्रीत, तेरा अनुराग सखी...!! 



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