दिल परिंदे की तरह आज भी उड़ता है
बहुत संभालते हो हम दिल को पर
ये कम्बख्त दिल संभाले कहाँ संभलता है।
उमंगो के पंखों मे दिल और भी मचलता है
जी ही लेते हो ख्वाइशों को मार कर
ऐसे दौर मे साहेब दिल दिन रात मरता है।
रंगीन सपनों मे खूबसूरत से रंग भरता है
काबू करते है सतरंगी हलचल पर
पर समुंदर का लहरों की खबर रखता है।
कोई सपना गर आँखों मे पलता है
मन ख्वाइशों का सागर है पर
यकीं जानिए कभी कभी बूँद को तरसता है।
भाव बह जाते है तो लिखने का मन करता है
अंकुश न हो कुछ भी लिखने पर
अरमान काग़ज़ पर खुबसुरती से उतरता है
Beautiful lines 👍💜💕
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंएक बार फिर बेहतरीन कविता
जवाब देंहटाएंVery nice post
जवाब देंहटाएंShaandaar
जवाब देंहटाएं