बड़ा कच्चा सा है तेरी उल्फ़त का धागा,
हम तो अपने विश्वास की डोर बांधे बैठे है
कब तू होगा मेरा, और तुझे देखूँगी मैं खुद
जी भर कर, ऐसी आस लगाए बैठे हैं।
वो अदा नही मिलती मुझे जो तुझे कबूल हो
तेरा दिल हर वक़्त बस मेरे प्यार मे मशगुल हो
कैसे रिझाऊँ तुझे, तुझे पाने के लिए
तड़पते दिल को हाथों से दबाये बैठे है।
एक उम्र सी बह गई है, तेरे इंतज़ार मे
फूल खिलें हैं बागों मे सावन की बहार है
झूम झूम कर बरसे तेरा प्यार मेरे आँगन मे
उस घटा पर नज़रे टिकाए बैठे हैं।
न आरजू किसी की न कोई और तमन्ना है
मेरे दिल है तेरा दर्द और बस तू ही तू है
पीर बहुत उठती है मेरे मन, बस मेरी रूह
को चैन दे दे, हम तुझको दवा कहते हैं।
बड़ी बेबसी सी दे दी मन तड़प ही जाता है
कैसे पाऊँ तुझे, मुझे समझ नही आता है
किन मुरादों से तू मुझे मिलेगा एक बार बता दे
जिस सदाओं से तू मिले हम उसको दुआँ कहते हैं।
राधे राधे
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